Mā Khalaqnā As-Samāwāti Wa Al-'Arđa Wa Mā Baynahumā 'Illā Bil-Ĥaqqi Wa 'Ajalin Musamman Wa ۚ Al-Ladhīna Kafarū `Ammā 'Undhirū Mu`riđūna
046-003 हमने तो सारे आसमान व ज़मीन और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है हिकमत ही से एक ख़ास वक्त तक के लिए ही पैदा किया है और कुफ्फ़ार जिन चीज़ों से डराए जाते हैं उन से मुँह फेर लेते हैं
Qul 'Ara'aytum Mā Tad`ūna Min Dūni Allāhi 'Arūnī Mādhā Khalaqū Mina Al-'Arđi 'Am LahumShirkun Fī As-Samāwāti ۖ Ai'tūnī Bikitābin MinQabli Hādhā 'Aw 'Athāratin Min `Ilmin 'In KuntumŞādiqīna
046-004 (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो
Wa Man 'Ađallu Mimman Yad`ū Min Dūni Allāhi Man Lā Yastajību Lahu~ 'Ilá Yawmi Al-Qiyāmati Wa Hum `An Du`ā'ihimGhāfilūna
046-005 और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों
'Am Yaqūlūna Aftarāhu ۖ Qul 'Ini Aftaraytuhu Falā Tamlikūna Lī Mina Allāhi Shay'āan ۖ Huwa 'A`lamu Bimā Tufīđūna Fīhi ۖ Kafá Bihi Shahīdāan Baynī Wa Baynakum ۖ Wa Huwa Al-Ghafūru Ar-Raĥīmu
046-008 क्या ये कहते हैं कि इसने इसको ख़ुद गढ़ लिया है तो (ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर मैं इसको (अपने जी से) गढ़ लेता तो तुम ख़ुदा के सामने मेरे कुछ भी काम न आओगे जो जो बातें तुम लोग उसके बारे में करते रहते हो वह ख़ूब जानता है मेरे और तुम्हारे दरमियान वही गवाही को काफ़ी है और वही बड़ा बख्शने वाला है मेहरबान है
Qul Mā Kuntu Bid`āan Mina Ar-Rusuli Wa Mā 'Adrī Mā Yuf`alu Bī Wa Lā Bikum ۖ 'In 'Attabi`u 'Illā Mā Yūĥá 'Ilayya Wa Mā 'Anā 'Illā Nadhīrun Mubīnun
046-009 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं कोई नया रसूल तो आया नहीं हूँ और मैं कुछ नहीं जानता कि आइन्दा मेरे साथ क्या किया जाएगा और न (ये कि) तुम्हारे साथ क्या किया जाएगा मैं तो बस उसी का पाबन्द हूँ जो मेरे पास वही आयी है और मैं तो बस एलानिया डराने वाला हूँ
Qul 'Ara'aytum 'In Kāna Min `Indi Allāhi Wa Kafartum Bihi Wa Shahida Shāhidun Min Banī 'Isrā'īla `Alá Mithlihi Fa'āmana Wa Astakbartum ۖ 'Inna Allāha Lā Yahdī Al-Qawma Až-Žālimīna
046-010 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर ये (क़ुरान) ख़ुदा की तरफ से हो और तुम उससे इन्कार कर बैठे हालॉकि (बनी इसराईल में से) एक गवाह उसके मिसल की गवाही भी दे चुका और ईमान भी ले आया और तुमने सरकशी की (तो तुम्हारे ज़ालिम होने में क्या शक़ है) बेशक ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मन्ज़िल मक़सूद तक नहीं पहुँचाता
Wa Qāla Al-Ladhīna Kafarū Lilladhīna 'Āmanū Law Kāna Khayrāan Mā Sabaqūnā 'Ilayhi ۚ Wa 'Idh Lam Yahtadū Bihi Fasayaqūlūna Hādhā 'IfkunQadīmun
046-011 और काफिर लोग मोमिनों के बारे में कहते हैं कि अगर ये (दीन) बेहतर होता तो ये लोग उसकी तरफ हमसे पहले न दौड़ पड़ते और जब क़ुरान के ज़रिए से उनकी हिदायत न हुई तो अब भी कहेंगे ये तो एक क़दीमी झूठ है
Wa MinQablihi Kitābu Mūsá 'Imāmāan Wa Raĥmatan ۚ Wa Hadhā Kitābun Muşaddiqun Lisānāan `Arabīyāan Liyundhira Al-Ladhīna Žalamū Wa Bushrá Lilmuĥsinīna
046-012 और इसके क़ब्ल मूसा की किताब पेशवा और (सरासर) रहमत थी और ये (क़ुरान) वह किताब है जो अरबी ज़बान में (उसकी) तसदीक़ करती है ताकि (इसके ज़रिए से) ज़ालिमों को डराए और नेकी कारों के लिए (अज़सरतापा) ख़ुशख़बरी है
Wa Waşşaynā Al-'Insāna Biwālidayhi 'Iĥsānāan ۖ Ĥamalat/hu 'Ummuhu Kurhāan Wa Wađa`at/hu Kurhāan ۖ Wa Ĥamluhu Wa Fişāluhu Thalāthūna Shahrāan ۚ Ĥattá 'Idhā Balagha 'Ashuddahu Wa Balagha 'Arba`īna SanatanQāla Rabbi 'Awzi`nī 'An 'Ashkura Ni`mataka Allatī 'An`amta `Alayya Wa `Alá Wa A-Dayya Wa 'An 'A`mala Şāliĥāan Tarđāhu Wa 'Aşliĥ Lī Fī Dhurrīyatī ۖ 'Innī Tubtu 'Ilayka Wa 'Innī Mina Al-Muslimīna
046-015 और हमने इन्सान को अपने माँ बाप के साथ भलाई करने का हुक्म दिया (क्यों कि) उसकी माँ ने रंज ही की हालत में उसको पेट में रखा और रंज ही से उसको जना और उसका पेट में रहना और उसको दूध बढ़ाई के तीस महीने हुए यहाँ तक कि जब अपनी पूरी जवानी को पहुँचता और चालीस बरस (के सिन) को पहुँचता है तो (ख़ुदा से) अर्ज़ करता है परवरदिगार तो मुझे तौफ़ीक़ अता फरमा कि तूने जो एहसानात मुझ पर और मेरे वालदैन पर किये हैं मैं उन एहसानों का शुक्रिया अदा करूँ और ये (भी तौफीक दे) कि मैं ऐसा नेक काम करूँ जिसे तू पसन्द करे और मेरे लिए मेरी औलाद में सुलाह व तक़वा पैदा करे तेरी तरफ रूजू करता हूँ और मैं यक़ीनन फरमाबरदारो में हूँ
046-016 यही वह लोग हैं जिनके नेक अमल हम क़ुबूल फरमाएँगे और बेहिश्त (के जाने) वालों में उनके गुनाहों से दरग़ुज़र करेंगे (ये वह) सच्चा वायदा है जो उन से किया जाता था
Wa Al-Ladhī Qāla Liwālidayhi 'Uffin Lakumā 'Ata`idāninī 'An 'Ukhraja Wa QadKhalati Al-Qurūnu MinQablī Wa Humā Yastaghīthāni Allāha Waylaka 'Āmin 'Inna Wa`da Allāhi Ĥaqqun Fayaqūlu Mā Hādhā 'Illā 'Asāţīru Al-'Awwalīna
046-017 और जिसने अपने माँ बाप से कहा कि तुम्हारा बुरा हो, क्या तुम मुझे धमकी देते हो कि मैं दोबारा (कब्र से) निकाला जाऊँगा हालॉकि बहुत से लोग मुझसे पहले गुज़र चुके (और कोई ज़िन्दा न हुआ) और दोनों फ़रियाद कर रहे थे कि तुझ पर वाए हो ईमान ले आ ख़ुदा का वायदा ज़रूर सच्चा है तो वह बोल उठा कि ये तो बस अगले लोगों के अफ़साने हैं
'Ūlā'ika Al-Ladhīna Ĥaqqa `Alayhimu Al-Qawlu Fī 'UmaminQadKhalat MinQablihim Mina Al-Jinni Wa Al-'Insi ۖ 'Innahum Kānū Khāsirīna
046-018 ये वही लोग हैं कि जिन्नात और आदमियों की (दूसरी) उम्मतें जो उनसे पहले गुज़र चुकी हैं उन ही के शुमूल में उन पर भी अज़ाब का वायदा मुस्तहक़ हो चुका है ये लोग बेशक घाटा उठाने वाले थे
Wa Likullin Darajātun Mimmā `Amilū ۖ Wa Liyuwaffiyahum 'A`mālahum Wa Hum Lā Yužlamūna
046-019 और लोगों ने जैसे काम किये होंगे उसी के मुताबिक सबके दर्जे होंगे और ये इसलिए कि ख़ुदा उनके आमाल का उनको पूरा पूरा बदला दे और उन पर कुछ भी ज़ुल्म न किया जाएं
Wa Yawma Yu`rađu Al-Ladhīna Kafarū `Alá An-Nāri 'Adh/habtumŢayyibātikum Fī Ĥayātikumu Ad-Dunyā Wa Astamta`tum Bihā Fālyawma Tujzawna `Adhāba Al-Hūni Bimā Kuntum Tastakbirūna Fī Al-'Arđi Bighayri Al-Ĥaqqi Wa Bimā Kuntum Tafsuqūna
046-020 और जिस दिन कुफ्फार जहन्नुम के सामने लाएँ जाएँगे (तो उनसे कहा जाएगा कि) तुमने अपनी दुनिया की ज़िन्दगी में अपने मज़े उड़ा चुके और उसमें ख़ूब चैन कर चुके तो आज तुम पर ज़िल्लत का अज़ाब किया जाएगा इसलिए कि तुम अपनी ज़मीन में अकड़ा करते थे और इसलिए कि तुम बदकारियां करते थे
Wa Adhkur 'Akhā `Ādin 'Idh 'AndharaQawmahu Bil-'Aĥqāfi Wa QadKhalati An-Nudhuru Min Bayni Yadayhi Wa Min Khalfihi~ 'Allā Ta`budū 'Illā Al-Laha 'Innī 'Akhāfu `Alaykum `Adhāba Yawmin `Ažīmin
046-021 और (ऐ रसूल) तुम आद को भाई (हूद) को याद करो जब उन्होंने अपनी क़ौम को (सरज़मीन) अहक़ाफ में डराया और उनके पहले और उनके बाद भी बहुत से डराने वाले पैग़म्बर गुज़र चुके थे (और हूद ने अपनी क़ौम से कहा) कि ख़ुदा के सिवा किसी की इबादत न करो क्योंकि तुम्हारे बारे में एक बड़े सख्त दिन के अज़ाब से डरता हूँ
Qāla 'Innamā Al-`Ilmu `Inda Allāhi Wa 'Uballighukum Mā 'Ursiltu Bihi Wa Lakinnī 'ArākumQawmāan Tajhalūna
046-023 हूद ने कहा (इसका) इल्म तो बस ख़ुदा के पास है और (मैं जो एहकाम देकर भेजा गया हूँ) वह तुम्हें पहुँचाए देता हूँ मगर मैं तुमको देखता हूँ कि तुम जाहिल लोग हो
Falammā Ra'awhu `Āriđāan Mustaqbila 'AwdiyatihimQālū Hādhā `Āriđun Mumţirunā ۚ Bal Huwa Mā Asta`jaltum Bihi ۖ Rīĥun Fīhā `Adhābun 'Alīmun
046-024 तो जब उन लोगों ने इस (अज़ाब) को देखा कि वबाल की तरह उनके मैदानों की तरफ उम्ड़ा आ रहा है तो कहने लगे ये तो बादल है जो हम पर बरस कर रहेगा (नहीं) बल्कि ये वह (अज़ाब) जिसकी तुम जल्दी मचा रहे थे (ये) वह ऑंधी है जिसमें दर्दनाक (अज़ाब) है
046-025 जो अपने परवरदिगार के हुक्म से हर चीज़ को तबाह व बरबाद कर देगी तो वह ऐसे (तबाह) हुए कि उनके घरों के सिवा कुछ नज़र ही नहीं आता था हम गुनाहगारों की यूँ ही सज़ा किया करते हैं
Wa Laqad Makkannāhum Fīmā 'In Makkannākum Fīhi Wa Ja`alnā Lahum Sam`āan Wa 'Abşārāan Wa 'Af'idatan Famā 'Aghná `Anhum Sam`uhum Wa Lā 'Abşāruhum Wa Lā 'Af'idatuhum MinShay'in 'Idh Kānū Yajĥadūna Bi'āyāti Allāhi Wa Ĥāqa Bihim Mā Kānū Bihi Yastahzi'ūn
046-026 और हमने उनको ऐसे कामों में मक़दूर दिये थे जिनमें तुम्हें (कुछ भी) मक़दूर नहीं दिया और उन्हें कान और ऑंख और दिल (सब कुछ दिए थे) तो चूँकि वह लोग ख़ुदा की आयतों से इन्कार करने लगे तो न उनके कान ही कुछ काम आए और न उनकी ऑंखें और न उनके दिल और जिस (अज़ाब) की ये लोग हँसी उड़ाया करते थे उसने उनको हर तरफ से घेर लिया
Wa Laqad 'Ahlaknā Mā Ĥawlakum Mina Al-Qurá Wa Şarrafnā Al-'Āyāti La`allahum Yarji`ūna
046-027 और (ऐ अहले मक्का) हमने तुम्हारे इर्द गिर्द की बस्तियों को हलाक कर मारा और (अपनी क़ुदरत की) बहुत सी निशानियाँ तरह तरह से दिखा दी ताकि ये लोग बाज़ आएँ (मगर कौन सुनता है)
Falawlā Naşarahumu Al-Ladhīna Attakhadhū Min Dūni Allāhi Qurbānāan 'Ālihatan ۖ Bal Đallū `Anhum ۚ Wa Dhalika 'Ifkuhum Wa Mā Kānū Yaftarūna
046-028 तो ख़ुदा के सिवा जिन को उन लोगों ने तक़र्रुब (ख़ुदा) के लिए माबूद बना रखा था उन्होंने (अज़ाब के वक्त) उनकी क्यों न मदद की बल्कि वह तो उनसे ग़ायब हो गये और उनके झूठ और उनकी (इफ़तेरा) परदाज़ियों की ये हक़ीक़त थी
Wa 'IdhŞarafnā 'Ilayka Nafarāan Mina Al-Jinni Yastami`ūna Al-Qur'āna Falammā Ĥađarūhu Qālū 'Anşitū ۖ Falammā Quđiya Wa Llaw 'Ilá Qawmihim Mundhirīna
046-029 और जब हमने जिनों में से कई शख़्शों को तुम्हारी तरफ मुतावज्जे किया कि वह दिल लगाकर क़ुरान सुनें तो जब उनके पास हाज़िर हुए तो एक दुसरे से कहने लगे ख़ामोश बैठे (सुनते) रहो फिर जब (पढ़ना) तमाम हुआ तो अपनी क़ौम की तरफ़ वापस गए
046-030 कि (उनको अज़ाब से) डराएं तो उन से कहना शुरू किया कि ऐ भाइयों हम एक किताब सुन आए हैं जो मूसा के बाद नाज़िल हुई है (और) जो किताबें, पहले (नाज़िल हुयीं) हैं उनकी तसदीक़ करती हैं सच्चे (दीन) और सीधी राह की हिदायत करती हैं
Yā Qawmanā 'Ajībū Dā`iya Allāhi Wa 'Āminū Bihi Yaghfir Lakum MinDhunūbikum Wa Yujirkum Min `Adhābin 'Alīmin
046-031 ऐ हमारी क़ौम ख़ुदा की तरफ बुलाने वाले की बात मानों और ख़ुदा पर ईमान लाओ वह तुम्हारे गुनाह बख्श देगा और (क़यामत) में तुम्हें दर्दनाक अज़ाब से पनाह में रखेगा
Wa Man Lā Yujib Dā`iya Allāhi Falaysa Bimu`jizin Fī Al-'Arđi Wa Laysa Lahu Min Dūnihi~ 'Awliyā'u ۚ 'Ūlā'ika Fī Đalālin Mubīnin
046-032 और जिसने ख़ुदा की तरफ बुलाने वाले की बात न मानी तो (याद रहे कि) वह (ख़ुदा को रूए) ज़मीन में आजिज़ नहीं कर सकता और न उस के सिवा कोई सरपरस्त होगा यही लोग गुमराही में हैं
046-033 क्या इन लोगों ने ये ग़ौर नहीं किया कि जिस ख़ुदा ने सारे आसमान और ज़मीन को पैदा किया और उनके पैदा करने से ज़रा भी थका नहीं वह इस बात पर क़ादिर है कि मुर्दो को ज़िन्दा करेगा हाँ (ज़रूर) वह हर चीज़ पर क़ादिर है
046-034 जिस दिन कुफ्फ़ार (जहन्नुम की) आग के सामने पेश किए जाएँगे (तो उन से पूछा जाएगा) क्या अब भी ये बरहक़ नहीं है वह लोग कहेंगे अपने परवरदिगार की क़सम हाँ (हक़ है) ख़ुदा फ़रमाएगा तो लो अब अपने इन्कार व कुफ्र के बदले अज़ाब के मज़े चखो
046-035 तो (ऐ रसूल) पैग़म्बरों में से जिस तरह अव्वलुल अज्म (आली हिम्मत), सब्र करते रहे तुम भी सब्र करो और उनके लिए (अज़ाब) की ताज़ील की ख्वाहिश न करो जिस दिन यह लोग उस कयामत को देखेंगे जिसको उनसे वायदा किया जाता है तो (उनको मालूम होगा कि) गोया ये लोग (दुनिया में) बहुत रहे होगें तो सारे दिन में से एक घड़ी भर तो बस वही लोग हलाक होंगे जो बदकार थे