Wa Laqad Fatannā Al-Ladhīna MinQablihim ۖ Falaya`lamanna Allāhu Al-Ladhīna Şadaqū Wa Laya`lamanna Al-Kādhibīna
029-003 और हमने तो उन लोगों का भी इम्तिहान लिया जो उनसे पहले गुज़र गए ग़रज़ ख़ुदा उन लोगों को जो सच्चे (दिल से ईमान लाए) हैं यक़ीनन अलहाएदा देखेगा और झूठों को भी (अलहाएदा) ज़रुर देखेगा
Man Kāna Yarjū Liqā'a Allāhi Fa'inna 'Ajala Allāhi La'ātin ۚ Wa Huwa As-Samī`u Al-`Alīmu
029-005 जो शख्स ख़ुदा से मिलने (क़यामत के आने) की उम्मीद रखता है तो (समझ रखे कि) ख़ुदा की (मुक़र्रर की हुई) मीयाद ज़रुर आने वाली है और वह (सबकी) सुनता (और) जानता है
Wa Man Jāhada Fa'innamā Yujāhidu Linafsihi~ ۚ 'Inna Allāha Laghanīyun `Ani Al-`Ālamīna
029-006 और जो शख्स (इबादत में) कोशिश करता है तो बस अपने ही वास्ते कोशिश करता है (क्योंकि) इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा सारे जहाँन (की इबादत) से बेनियाज़ है
Wa Al-Ladhīna 'Āmanū Wa `Amilū Aş-Şāliĥāti Lanukaffiranna `Anhum Sayyi'ātihim Wa Lanajziyannahum 'Aĥsana Al-Ladhī Kānū Ya`malūna
029-007 और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए हम यक़ीनन उनके गुनाहों की तरफ से कफ्फारा क़रार देगें और ये (दुनिया में) जो आमाल करते थे हम उनके आमाल की उन्हें अच्छी से अच्छी जज़ा अता करेंगे
029-008 और हमने इन्सान को अपने माँ बाप से अच्छा बरताव करने का हुक्म दिया है और (ये भी कि) अगर तुझे तेरे माँ बाप इस बात पर मजबूर करें कि ऐसी चीज़ को मेरा शरीक बना जिन (के शरीक होने) का मुझे इल्म तक नहीं तो उनका कहना न मानना तुम सबको (आख़िर एक दिन) मेरी तरफ लौट कर आना है मै जो कुछ तुम लोग (दुनिया में) करते थे बता दूँगा
Wa Mina An-Nāsi Man Yaqūlu 'Āmannā Billāhi Fa'idhā 'Ūdhiya Fī Al-Lahi Ja`ala Fitnata An-Nāsi Ka`adhābi Allāhi Wa La'in Jā'a Naşrun MinRabbika Layaqūlunna 'Innā Kunnā Ma`akum ۚ 'Awalaysa Allāhu Bi'a`lama Bimā Fī Şudūri Al-`Ālamīna
029-010 और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो (ज़बान से तो) कह देते हैं कि हम ख़ुदा पर ईमान लाए फिर जब उनको ख़ुदा के बारे में कुछ तकलीफ़ पहुँची तो वह लोगों की तकलीफ़ देही को अज़ाब के बराबर ठहराते हैं और (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की मदद आ पहुँची और तुम्हें फतेह हुई तो यही लोग कहने लगते हैं कि हम भी तो तुम्हारे साथ ही साथ थे भला जो कुछ सारे जहाँन के दिलों में है क्या ख़ुदा बख़ूबी वाक़िफ नहीं (ज़रुर है)
Wa Qāla Al-Ladhīna Kafarū Lilladhīna 'Āmanū Attabi`ū Sabīlanā Wa Lnaĥmil Khaţāyākum Wa Mā Hum Biĥāmilīna Min Khaţāyāhum MinShay'in ۖ 'Innahum Lakādhibūna
029-012 और कुफ्फार ईमान वालों से कहने लगे कि हमारे तरीक़े पर चलो और (क़यामत में) तुम्हारे गुनाहों (के बोझ) को हम (अपने सर) ले लेंगे हालॉकि ये लोग ज़रा भी तो उनके गुनाह उठाने वाले नहीं ये लोग यक़ीनी झूठे हैं
Wa Layaĥmilunna 'Athqālahum Wa 'Athqālāan Ma`a 'Athqālihim ۖ Wa Layus'alunna Yawma Al-Qiyāmati `Ammā Kānū Yaftarūna
029-013 और (हाँ) ये लोग अपने (गुनाह के) बोझे तो यक़ीनी उठाएँगें ही और अपने बोझो के साथ जिन्हें गुमराह किया उनके बोझे भी उठाएँगे और जो इफ़ितेरा परदाज़िया ये लोग करते रहे हैं क़यामत के दिन उन से ज़रुर उसकी बाज़पुर्स होगी
Wa Laqad 'Arsalnā Nūĥāan 'Ilá Qawmihi Falabitha Fīhim 'Alfa Sanatin 'Illā Khamsīna `Āmāan Fa'akhadhahumu Aţ-Ţūfānu Wa HumŽālimūn
029-014 और हमने नूह को उनकी क़ौम के पास (पैग़म्बर बनाकर) भेजा तो वह उनमें पचास कम हज़ार बरस रहे (और हिदायत किया किए और जब न माना) तो आख़िर तूफान ने उन्हें ले डाला और वह उस वक्त भी सरकश ही थे
'Innamā Ta`budūna Min Dūni Allāhi 'Awthānāan Wa Takhluqūna 'Ifkāan ۚ 'Inna Al-Ladhīna Ta`budūna Min Dūni Allāhi Lā Yamlikūna LakumRizqāan Fābtaghū `Inda Allāhi Ar-Rizqa Wa A`budūhu Wa Ashkurū Lahu~ ۖ 'Ilayhi Turja`ūna
029-017 (मगर) तुम लोग तो ख़ुदा को छोड़कर सिर्फ बुतों की परसतिश करते हैं और झूठी बातें (अपने दिल से) गढ़ते हो इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा को छोड़कर जिन लोगों की तुम परसतिश करते हो वह तुम्हारी रोज़ी का एख्तेयार नही रखते-बस ख़ुदा ही से रोज़ी भी माँगों और उसकी इबादत भी करो उसका शुक्र करो (क्योंकि) तुम लोग (एक दिन) उसी की तरफ लौटाए जाओगे
Wa 'In Tukadhdhibū Faqad Kadhdhaba 'Umamun MinQablikum ۖ Wa Mā `Alá Ar-Rasūli 'Illā Al-Balāghu Al-Mubīnu
029-018 और (ऐ अहले मक्का) अगर तुमने (मेरे रसूल को) झुठलाया तो (कुछ परवाह नहीं) तुमसे पहले भी तो बहुतेरी उम्मते (अपने पैग़म्बरों को) झुठला चुकी हैं और रसूल के ज़िम्मे तो सिर्फ (एहक़ाम का) पहुँचा देना है
029-019 बस क्या उन लोगों ने इस पर ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा किस तरह मख़लूकात को पहले पहल पैदा करता है और फिर उसको दोबारा पैदा करेगा ये तो ख़ुदा के नज़दीक बहुत आसान बात है
029-020 (ऐ रसूल इन लोगों से) तुम कह दो कि ज़रा रुए ज़मीन पर चलफिर कर देखो तो कि ख़ुदा ने किस तरह पहले पहल मख़लूक को पैदा किया फिर (उसी तरह वही) ख़ुदा (क़यामत के दिन) आखिरी पैदाइश पैदा करेगा- बेशक ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
Wa Al-Ladhīna Kafarū Bi'āyāti Allāhi Wa Liqā'ihi~ 'Ūlā'ika Ya'isū MinRaĥmatī Wa 'Ūlā'ika Lahum `Adhābun 'Alīmun
029-023 और जिन लोगों ने ख़ुदा की आयतों और (क़यामत के दिन) उसके सामने हाज़िर होने से इन्कार किया मेरी रहमत से मायूस हो गए हैं और उन्हीं लोगों के वास्ते दर्दनाक अज़ाब है
029-024 ग़रज़ इबराहीम की क़ौम के पास (इन बातों का) इसके सिवा कोई जवाब न था कि बाहम कहने लगे इसको मार डालो या जला (कर ख़ाक) कर डालो (आख़िर वह कर गुज़रे) तो ख़ुदा ने उनको आग से बचा लिया इसमें शक नहीं कि दुनियादार लोगों के वास्ते इस वाकिये में (कुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
Wa Qāla 'Innamā Attakhadhtum Min Dūni Allāhi 'Awthānāan Mawaddata Baynikum Fī Al-Ĥayāati Ad-Dunyā ۖ Thumma Yawma Al-Qiyāmati Yakfuru Ba`đukum Biba`đin Wa Yal`anu Ba`đukum Ba`đāan Wa Ma'wākumu An-Nāru Wa Mā Lakum Min Nāşirīna
029-025 और इबराहीम ने (अपनी क़ौम से) कहा कि तुम लोगों ने ख़ुदा को छोड़कर बुतो को सिर्फ दुनिया की ज़िन्दगी में बाहम मोहब्त करने की वजह से (ख़ुदा) बना रखा है फिर क़यामत के दिन तुम में से एक का एक इनकार करेगा और एक दूसरे पर लानत करेगा और (आख़िर) तुम लोगों का ठिकाना जहन्नुम है और (उस वक्त तुम्हारा कोई भी मददगार न होगा)
Wa Wahabnā Lahu~ 'Isĥāqa Wa Ya`qūba Wa Ja`alnā Fī Dhurrīyatihi An-Nubūwata Wa Al-Kitāba Wa 'Ātaynāhu 'Ajrahu Fī Ad-Dunyā ۖ Wa 'Innahu Fī Al-'Ākhirati Lamina Aş-Şāliĥīn
029-027 इसमे शक नहीं कि वह ग़ालिब (और) हिकमत वाला है और हमने इबराहीम को इसहाक़ (सा बेटा) और याक़ूब (सा पोता) अता किया और उनकी नस्ल में पैग़म्बरी और किताब क़रार दी और हम न इबराहीम को दुनिया में भी अच्छा बदला अता किया और वह तो आख़ेरत में भी यक़ीनी नेको कारों से हैं
Wa Lūţāan 'IdhQāla Liqawmihi~ 'Innakum Lata'tūna Al-Fāĥishata Mā Sabaqakum Bihā Min 'Aĥadin Mina Al-`Ālamīna
029-028 (और ऐ रसूल) लूत को (याद करो) जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग अजब बेहयाई का काम करते हो कि तुमसे पहले सारी खुदायी के लोगों में से किसी ने नहीं किया
'A'innakum Lata'tūna Ar-Rijāla Wa Taqţa`ūna As-Sabīla Wa Ta'tūna Fī Nādīkumu Al-Munkara ۖ Famā Kāna Jawāba Qawmihi~ 'Illā 'AnQālū A'tinā Bi`adhābi Allāhi 'In Kunta Mina Aş-Şādiqīna
029-029 तुम लोग (औरतों को छोड़कर कज़ाए शहवत के लिए) मर्दों की तरफ गिरते हो और (मुसाफिरों की) रहजनी करते हो और तुम लोग अपनी महफिलों में बुरी बुरी हरकते करते हो तो (इन सब बातों का) लूत की क़ौम के पास इसके सिवा कोई जवाब न था कि वह लोग कहने लगे कि भला अगर तुम सच्चे हो तो हम पर ख़ुदा का अज़ाब तो ले आओ
029-031 (उस वक्त अज़ाब की तैयारी हुई) और जब हमारे भेजे हुए फ़रिश्ते इबराहीम के पास (बुढ़ापे में बेटे की) खुशखबरी लेकर आए तो (इबराहीम से) बोले हम लोग अनक़रीब इस गाँव के रहने वालों को हलाक करने वाले हैं (क्योंकि) इस बस्ती के रहने वाले यक़ीनी (बड़े) सरकश है
Qāla 'Inna Fīhā Lūţāan ۚ Qālū Naĥnu 'A`lamu Biman Fīhā ۖ Lanunajjiyannahu Wa 'Ahlahu~ 'Illā Amra'atahu Kānat Mina Al-Ghābirīn
029-032 (ये सुन कर) इबराहीम ने कहा कि इस बस्ती में तो लूत भी है वह फरिश्ते बोले जो लोग इस बस्ती में हैं हम लोग उनसे खूब वाक़िफ़ हैं हम तो उनको और उनके लड़के बालों को यक़ीनी बचा लेंगे मगर उनकी बीबी को वह (अलबता) पीछे रह जाने वालों में होगीं
Wa Lammā 'An Jā'at Rusulunā Lūţāan Sī'a Bihim Wa Đāqa BihimDhar`āan Wa Qālū Lā Takhaf Wa Lā Taĥzan ۖ 'Innā Munajjūka Wa 'Ahlaka 'Illā Amra'ataka Kānat Mina Al-Ghābirīna
029-033 और जब हमारे भेजे हुए फरिश्ते लूत के पास आए लूत उनके आने से ग़मग़ीन हुए और उन (की मेहमानी) से दिल तंग हुए (क्योंकि वह नौजवान खूबसूरत मर्दों की सरूत में आए थे) फरिश्तों ने कहा आप ख़ौफ न करें और कुढ़े नही हम आपको और आपके लड़के बालों को बचा लेगें मगर आपकी बीबी (क्योंकि वह पीछे रह जाने वालो से होगी)
Wa 'Ilá Madyana 'AkhāhumShu`aybāan Faqāla Yā Qawmi A`budū Allaha Wa Arjū Al-Yawma Al-'Ākhira Wa Lā Ta`thaw Fī Al-'Arđi Mufsidīn
029-036 और (हमने) मदियन के रहने वालों के पास उनके भाई शुएब को पैग़म्बर बनाकर भेजा उन्होंने (अपनी क़ौम से) कहा ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा की इबादत करो और रोज़े आखेरत की उम्मीद रखो और रुए ज़मीन में फ़साद न फैलाते फिरो
Wa `Ādāan Wa Thamūda Wa Qad Tabayyana Lakum Min Masākinihim ۖ Wa Zayyana Lahumu Ash-Shayţānu 'A`mālahum Faşaddahum `Ani As-Sabīli Wa Kānū Mustabşirīna
029-038 और क़ौम आद और समूद को (भी हलाक कर डाला) और (ऐ अहले मक्का) तुम को तो उनके (उजड़े हुए) घर भी (रास्ता आते जाते) मालूम हो चुके और शैतान ने उनकी नज़र में उनके कामों को अच्छा कर दिखाया था और उन्हें (सीधी) राह (चलने) से रोक दिया था हालॉकि वह बड़े होशियार थे
Wa Qārūna Wa Fir`awna Wa Hāmāna ۖ Wa Laqad Jā'ahum Mūsá Bil-Bayyināti Fāstakbarū Fī Al-'Arđi Wa Mā Kānū Sābiqīna
029-039 और (हम ही ने) क़ारुन व फिरऔन व हामान को भी (हलाक कर डाला) हालॉकि उन लोगों के पास मूसा वाजेए व रौशन मौजिज़े लेकर आए फिर भी ये लोग रुए ज़मीन में सरकशी करते फिरे और हमसे (निकल कर) कहीं आगे न बढ़ सके
Fakullāan 'Akhadhnā Bidhanbihi ۖ Faminhum Man 'Arsalnā `Alayhi Ĥāşibāan Wa Minhum Man 'Akhadhat/hu Aş-Şayĥatu Wa Minhum Man Khasafnā Bihi Al-'Arđa Wa Minhum Man 'Aghraqnā ۚ Wa Mā Kāna Allāhu Liyažlimahum Wa Lakin Kānū 'Anfusahum Yažlimūna
029-040 तो हमने सबको उनके गुनाह की सज़ा में ले डाला चुनांन्चे उनमे से बाज़ तो वह थे जिन पर हमने पत्थर वाली ऑंधी भेजी और बाज़ उनमें से वह थे जिन को एक सख्त चिंघाड़ ने ले डाला और बाज़ उनमें से वह थे जिनको हमने ज़मीन मे धॅसा दिया और बाज़ उनमें से वह थे जिन्हें हमने डुबो मारा और ये बात नहीं कि ख़ुदा ने उन पर ज़ुल्म किया हो बल्कि (सच युं है कि) ये लोग ख़ुद (ख़ुदा की नाफ़रमानी करके) आप अपने ऊपर ज़ुल्म करते रहे
Mathalu Al-Ladhīna Attakhadhū Min Dūni Allāhi 'Awliyā'a Kamathali Al-`Ankabūti Attakhadhat Baytāan ۖ Wa 'Inna 'Awhana Al-Buyūti Labaytu Al-`Ankabūti ۖ Law Kānū Ya`lamūna
029-041 जिन लोगों ने ख़ुदा के सिवा दूसरे कारसाज़ बना रखे हैं उनकी मसल उस मकड़ी की सी है जिसने (अपने ख्याल नाक़िस में) एक घर बनाया और उसमें तो शक ही नहीं कि तमाम घरों से बोदा घर मकड़ी का होता है मगर ये लोग (इतना भी) जानते हो
Atlu Mā 'Ūĥiya 'Ilayka Mina Al-Kitābi Wa 'Aqimu Aş-Şalāata ۖ 'Inna Aş-Şalāata Tanhá `Ani Al-Faĥshā'i Wa Al-Munkari ۗ Wa Ladhikru Allāhi 'Akbaru Wa ۗ Allāhu Ya`lamu Mā Taşna`ūna
029-045 (ऐ रसूल) जो किताब तुम्हारे पास नाज़िल की गयी है उसकी तिलावत करो और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ो बेशक नमाज़ बेहयाई और बुरे कामों से बाज़ रखती है और ख़ुदा की याद यक़ीनी बड़ा मरतबा रखती है और तुम लोग जो कुछ करते हो ख़ुदा उससे वाक़िफ है
Wa Lā Tujādilū 'Ahla Al-Kitābi 'Illā Bi-Atī Hiya 'Aĥsanu 'Illā Al-Ladhīna Žalamū Minhum ۖ Wa Qūlū 'Āmannā Bial-Ladhī 'Unzila 'Ilaynā Wa 'Unzila 'Ilaykum Wa 'Ilahunā Wa 'Ilahukum Wāĥidun Wa Naĥnu Lahu Muslimūna
029-046 और (ऐ ईमानदारों) अहले किताब से मनाज़िरा न किया करो मगर उमदा और शाएस्ता अलफाज़ व उनवान से लेकिन उनमें से जिन लोगों ने तुम पर ज़ुल्म किया (उनके साथ रिआयत न करो) और साफ साफ कह दो कि जो किताब हम पर नाज़िल हुई और जो किताब तुम पर नाज़िल हुई है हम तो सब पर ईमान ला चुके और हमारा माबूद और तुम्हारा माबूद एक ही है और हम उसी के फरमाबरदार है
Wa Kadhalika 'Anzalnā 'Ilayka Al-Kitāba ۚ Fa-Al-Ladhīna 'Ātaynāhumu Al-Kitāba Yu'uminūna Bihi ۖ Wa Min Hā'uulā' Man Yu'uminu Bihi ۚ Wa Mā Yajĥadu Bi'āyātinā 'Illā Al-Kāfirūna
029-047 और (ऐ रसूल जिस तरह अगले पैग़म्बरों पर किताबें उतारी) उसी तरह हमने तुम्हारे पास किताब नाज़िल की तो जिन लोगों को हमने (पहले) किताब अता की है वह उस पर भी ईमान रखते हैं और (अरबो) में से बाज़ वह हैं जो उस पर ईमान रखते हैं और हमारी आयतों के तो बस पक्के कट्टर काफिर ही मुनकिर है
Wa Mā Kunta Tatlū MinQablihi Min Kitābin Wa Lā Takhuţţuhu Biyamīnika ۖ 'Idhāan Lārtāba Al-Mubţilūna
029-048 और (ऐ रसूल) क़ुरान से पहले न तो तुम कोई किताब ही पढ़ते थे और न अपने हाथ से तुम लिखा करते थे ऐसा होता तो ये झूठे ज़रुर (तुम्हारी नबुवत में) शक करते
Bal Huwa 'Āyātun Bayyinātun Fī Şudūri Al-Ladhīna 'Ūtū Al-`Ilma ۚ Wa Mā Yajĥadu Bi'āyātinā 'Illā Až-Žālimūna
029-049 मगर जिन लोगों को (ख़ुदा की तरफ से) इल्म अता हुआ है उनके दिल में ये (क़ुरान) वाजेए व रौशन आयतें हैं और सरकशी के सिवा हमारी आयतो से कोई इन्कार नहीं करता
Wa Qālū Lawlā 'Unzila `Alayhi 'Āyātun MinRabbihi ۖ Qul 'Innamā Al-'Āyātu `Inda Allāhi Wa 'Innamā 'Anā Nadhīrun Mubīnun
029-050 और (कुफ्फ़ार अरब) कहते हैं कि इस (रसूल) पर उसके परवरदिगार की तरफ से मौजिज़े क्यों नही नाज़िल होते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि मौजिज़े तो बस ख़ुदा ही के पास हैं और मै तो सिर्फ साफ साफ (अज़ाबे ख़ुदा से) डराने वाला हूँ
029-051 क्या उनके लिए ये काफी नहीं कि हमने तुम पर क़ुरान नाज़िल किया जो उनके सामने पढ़ा जाता है इसमें शक नहीं कि ईमानदार लोगों के लिए इसमें (ख़ुदा की बड़ी) मेहरबानी और (अच्छी ख़ासी) नसीहत है
Qul Kafá Billāhi Baynī Wa BaynakumShahīdāan ۖ Ya`lamu Mā Fī As-Samāwāti Wa Al-'Arđi Wa ۗ Al-Ladhīna 'Āmanū Bil-Bāţili Wa Kafarū Billāhi~ 'Ūlā'ika Humu Al-Khāsirūna
029-052 तुम कह दो कि मेरे और तुम्हारे दरमियान गवाही के वास्ते ख़ुदा ही काफी है जो सारे आसमान व ज़मीन की चीज़ों को जानता है-और जिन लोगों ने बातिल को माना और ख़ुदा से इन्कार किया वही लोग बड़े घाटे में रहेंगे
Wa Yasta`jilūnaka Bil-`Adhābi ۚ Wa Lawlā 'Ajalun Musamman Lajā'ahumu Al-`Adhābu Wa Laya'tiyannahum Baghtatan Wa Hum Lā Yash`urūna
029-053 और (ऐ रसूल) तुमसे लोग अज़ाब के नाज़िल होने की जल्दी करते हैं और अगर (अज़ाब का) वक्त मुअय्यन न होता तो यक़ीनन उनके पास अब तक अज़ाब आ जाता और (आख़िर एक दिन) उन पर अचानक ज़रुर आ पड़ेगा और उनको ख़बर भी न होगी
Yawma Yaghshāhumu Al-`Adhābu Min Fawqihim Wa Min Taĥti 'Arjulihim Wa Yaqūlu Dhūqū Mā Kuntum Ta`malūna
029-055 जिस दिन अज़ाब उनके सर के ऊपर से और उनके पॉव के नीचे से उनको ढॉके होगा और ख़ुदा (उनसे) फरमाएगा कि जो जो कारस्तानियॉ तुम (दुनिया में) करते थे अब उनका मज़ा चखो
Wa Al-Ladhīna 'Āmanū Wa `Amilū Aş-Şāliĥāti Lanubawwi'annahum Mina Al-Jannati Ghurafāan Tajrī Min Taĥtihā Al-'AnhāruKhālidīna Fīhā ۚ Ni`ma 'Ajru Al-`Āmilīna
029-058 और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उनको हम बेहश्त के झरोखों में जगह देगें जिनके नीचे नहरें जारी हैं जिनमें वह हमेशा रहेंगे (अच्छे चलन वालो की भी क्या ख़ूब ख़री मज़दूरी है)
Wa Ka'ayyin Min Dābbatin Lā Taĥmilu Rizqahā Al-Lahu Yarzuquhā Wa 'Īyākum ۚ Wa Huwa As-Samī`u Al-`Alīmu
029-060 और ज़मीन पर चलने वालों में बहुतेरे ऐसे हैं जो अपनी रोज़ी अपने ऊपर लादे नहीं फिरते ख़ुदा ही उनको भी रोज़ी देता है और तुम को भी और वह बड़ा सुनने वाला वाक़िफकार है
Wa La'in Sa'altahum Man Khalaqa As-Samāwāti Wa Al-'Arđa Wa Sakhkhara Ash-Shamsa Wa Al-Qamara Layaqūlunna Allāhu ۖ Fa'annā Yu'ufakūna
029-061 (ऐ रसूल) अगर तुम उनसे पूछो कि (भला) किसने सारे आसमान व ज़मीन को पैदा किया और चाँद और सूरज को काम में लगाया तो वह ज़रुर यही कहेंगे कि अल्लाह ने फिर वह कहाँ बहके चले जाते हैं
Al-Lahu Yabsuţu Ar-Rizqa Liman Yashā'u Min `Ibādihi Wa Yaqdiru Lahu~ ۚ 'Inna Allāha Bikulli Shay'in `Alīmun
029-062 ख़ुदा ही अपने बन्दों में से जिसकी रोज़ी चाहता है कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है तंग कर देता है इसमें शक नहीं कि ख़ुदा ही हर चीज़ से वाक़िफ है
Wa La'in Sa'altahum Man Nazzala Mina As-Samā'i Mā'an Fa'aĥyā Bihi Al-'Arđa Min Ba`di Mawtihā Layaqūlunna Allāhu ۚ Quli Al-Ĥamdu Lillāh ۚ Bal 'Aktharuhum Lā Ya`qilūna
029-063 और (ऐ रसूल) अगर तुम उससे पूछो कि किसने आसमान से पानी बरसाया फिर उसके ज़रिये से ज़मीन को इसके मरने (परती होने) के बाद ज़िन्दा (आबाद) किया तो वह ज़रुर यही कहेंगे कि अल्लाह ने (ऐ रसूल) तुम कह दो अल्हम दो लिल्लाह-मगर उनमे से बहुतेरे (इतना भी) नहीं समझते
Wa Mā Hadhihi Al-Ĥayāatu Ad-Dunyā 'Illā Lahwun Wa La`ibun ۚ Wa 'Inna Ad-Dāra Al-'Ākhirata Lahiya Al-Ĥayawānu ۚ Law Kānū Ya`lamūna
029-064 और ये दुनिया की ज़िन्दगी तो खेल तमाशे के सिवा कुछ नहीं और मगर ये लोग समझें बूझें तो इसमे शक नहीं कि अबदी ज़िन्दगी (की जगह) तो बस आख़ेरत का घर है (बाक़ी लग़ो)
029-065 फिर जब ये लोग कश्ती में सवार होते हैं तो निहायत ख़ुलूस से उसकी इबादत करने वाले बन कर ख़ुदा से दुआ करते हैं फिर जब उन्हें ख़ुश्की में (पहुँचा कर) नजात देता है तो फौरन शिर्क करने लगते हैं
Liyakfurū Bimā 'Ātaynāhum Wa Liyatamatta`ū ۖ Fasawfa Ya`lamūna
029-066 ताकि जो (नेअमतें) हमने उन्हें अता की हैं उनका इन्कार कर बैठें और ताकि (दुनिया में) ख़ूब चैन कर लें तो अनक़रीब ही (इसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा
'Awalam Yaraw 'Annā Ja`alnā Ĥaramāan 'Āmināan Wa Yutakhaţţafu An-Nāsu Min Ĥawlihim ۚ 'Afabiālbāţili Yu'uminūna Wa Bini`mati Allāhi Yakfurūna
029-067 क्या उन लोगों ने इस पर ग़ौर नहीं किया कि हमने हरम (मक्का) को अमन व इत्मेनान की जगह बनाया हालॉकि उनके गिर्द व नवाह से लोग उचक ले जाते हैं तो क्या ये लोग झूठे माबूदों पर ईमान लाते हैं और ख़ुदा की नेअमत की नाशुक्री करते हैं
Wa Man 'Ažlamu Mimmani Aftará `Alá Allāhi Kadhibāan 'Aw Kadhdhaba Bil-Ĥaqqi Lammā Jā'ahu~ ۚ 'Alaysa Fī Jahannama Mathwan Lilkāfirīna
029-068 और जो शख्स ख़ुदा पर झूठ बोहतान बॉधे या जब उसके पास कोई सच्ची बात आए तो झुठला दे इससे बढ़कर ज़ालिम कौन होगा क्या (इन) काफिरों का ठिकाना जहन्नुम में नहीं है (ज़रुर है)