Yas'alūnaka `Ani Al-'Anfāl ۖ Quli Al-'Anfāli Lillāh Wa Ar-Rasūli Fa ۖ Attaqū Allaha Wa 'Aşliĥū Dhāta Baynikum ۖ Wa 'Aţī`ū Allaha Wa Rasūlahu~ 'In Kuntum Mu'uminīna
008-001 (ऐ रसूल) तुम से लोग अनफाल (माले ग़नीमत) के बारे में पूछा करते हैं तुम कह दो कि अनफाल मख़सूस ख़ुदा और रसूल के वास्ते है तो ख़ुदा से डरो (और) अपने बाहमी (आपसी) मामलात की इसलाह करो और अगर तुम सच्चे (ईमानदार) हो तो ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो
'Innamā Al-Mu'uminūna Al-Ladhīna 'Idhā Dhukira Allāhu Wajilat Qulūbuhum Wa 'Idhā Tuliyat `Alayhim 'Āyātuhu Zādat/hum 'Īmānāan Wa `Alá Rabbihim Yatawakkalūna
008-002 सच्चे ईमानदार तो बस वही लोग हैं कि जब (उनके सामने) ख़ुदा का ज़िक्र किया जाता है तो उनके दिल हिल जाते हैं और जब उनके सामने उसकी आयतें पढ़ी जाती हैं तो उनके ईमान को और भी ज्यादा कर देती हैं और वह लोग बस अपने परवरदिगार ही पर भरोसा रखते हैं
'Ūlā'ika Humu Al-Mu'uminūna Ĥaqqāan ۚ Lahum Darajātun `Inda Rabbihim Wa Maghfiratun Wa Rizqun Karīmun
008-004 यही तो सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के लिए उनके परवरदिगार के हॉ (बड़े बड़े) दरजे हैं और बख्शिश और इज्ज़त और आबरू के साथ रोज़ी है (ये माले ग़नीमत का झगड़ा वैसा ही है)
008-006 कि वह लोग हक़ के ज़ाहिर होने के बाद भी तुमसे (ख्वाह माख्वाह) सच्ची बात में झगड़तें थें और इस तरह (करने लगे) गोया (ज़बरदस्ती) मौत के मुँह में ढकेले जा रहे हैं
Wa 'Idh Ya`idukumu Allāhu 'Iĥdá Aţ-Ţā'ifatayni 'Annahā Lakum Wa Tawaddūna 'Anna GhayraDhāti Ash-Shawkati Takūnu Lakum Wa Yurīdu Allāhu 'An Yuĥiqqa Al-Ĥaqqa Bikalimātihi Wa Yaqţa`a Dābira Al-Kāfirīna
008-007 और उसे (अपनी ऑंखों से) देख रहे हैं और (ये वक्त था) जब ख़ुदा तुमसे वायदा कर रहा था कि (कुफ्फार मक्का) दो जमाअतों में से एक तुम्हारे लिए ज़रूरी हैं और तुम ये चाहते थे कि कमज़ोर जमाअत तुम्हारे हाथ लगे (ताकि बग़ैर लड़े भिड़े माले ग़नीमत हाथ आ जाए) और ख़ुदा ये चाहता था कि अपनी बातों से हक़ को साबित (क़दम) करें और काफिरों की जड़ काट डाले
008-009 (ये वह वक्त था) जब तुम अपने परवदिगार से फरियाद कर रहे थे उसने तुम्हारी सुन ली और जवाब दे दिया कि मैं तुम्हारी लगातार हज़ार फ़रिश्तों से मदद करूँगा
Wa Mā Ja`alahu Allāhu 'Illā Bushrá Wa Litaţma'inna BihiQulūbukum ۚ Wa Mā An-Naşru 'Illā Min `Indi Allāhi ۚ 'Inna Allāha `Azīzun Ĥakīmun
008-010 और (ये इमदाद ग़ैबी) ख़ुदा ने सिर्फ तुम्हारी ख़ातिर (खुशी) के लिए की थी और तुम्हारे दिल मुतमइन हो जाएं और (याद रखो) मदद ख़ुदा के सिवा और कहीं से (कभी) नहीं होती बेशक ख़ुदा ग़ालिब हिकमत वाला है
'Idh Yughashshīkumu An-Nu`āsa 'Amanatan Minhu Wa Yunazzilu `Alaykum Mina As-Samā'i Mā'an Liyuţahhirakum Bihi Wa Yudh/hiba `AnkumRijza Ash-Shayţāni Wa Liyarbiţa `Alá Qulūbikum Wa Yuthabbita Bihi Al-'Aqdāma
008-011 ये वह वक्त था जब अपनी तरफ से इत्मिनान देने के लिए तुम पर नींद को ग़ालिब कर रहा था और तुम पर आसमान से पानी बरस रहा था ताकि उससे तुम्हें पाक (पाकीज़ा कर दे और तुम से शैतान की गन्दगी दूर कर दे और तुम्हारे दिल मज़बूत कर दे और पानी से (बालू जम जाए) और तुम्हारे क़दम ब क़दम (अच्छी तरह) जमाए रहे
008-012 (ऐ रसूल ये वह वक्त था) जब तुम्हारा परवरदिगार फ़रिश्तों से फरमा रहा था कि मै यकीनन तुम्हारे साथ हूँ तुम ईमानदारों को साबित क़दम रखो मै बहुत जल्द काफिरों के दिलों में (तुम्हारा रौब) डाल दूँगा (पस फिर क्या है अब) तो उन कुफ्फार की गर्दनों पर मारो और उनकी पोर पोर को चटिया कर दो
Dhālika Bi'annahumShāqqū Allaha Wa Rasūlahu ۚ Wa Man Yushāqiqi Allāha Wa Rasūlahu Fa'inna Allāha Shadīdu Al-`Iqābi
008-013 ये (सज़ा) इसलिए है कि उन लोगों ने ख़ुदा और उसके रसूल की मुख़ालिफ की और जो शख़्स (भी) ख़ुदा और उसके रसूल की मुख़ालफ़त करेगा तो (याद रहें कि) ख़ुदा बड़ा सख्त अज़ाब करने वाला है
Wa Man Yuwallihim Yawma'idhin Duburahu~ 'Illā Mutaĥarrifāan Liqitālin 'Aw Mutaĥayyizāan 'Ilá Fi'atin Faqad Bā'a Bighađabin Mina Allāhi Wa Ma'wāhu Jahannamu ۖ Wa Bi'sa Al-Maşīru
008-016 (याद रहे कि) उस शख़्स के सिवा जो लड़ाई वास्ते कतराए या किसी जमाअत के पास (जाकर) मौके पाए (और) जो शख़्स भी उस दिन उन कुफ्फ़ार की तरफ पीठ फेरेगा वह यक़ीनी (हिर फिर के) ख़ुदा के ग़जब में आ गया और उसका ठिकाना जहन्नुम ही हैं और वह क्या बुरा ठिकाना है
Falam Taqtulūhum Wa Lakinna Allāha Qatalahum ۚ Wa Mā Ramayta 'IdhRamayta Wa Lakinna Allāha Ramá ۚ Wa Liyubliya Al-Mu'uminīna Minhu Balā'an Ĥasanāan ۚ 'Inna Allāha Samī`un `Alīmun
008-017 और (मुसलमानों) उन कुफ्फ़ार को कुछ तुमने तो क़त्ल किया नही बल्कि उनको तो ख़ुदा ने क़त्ल किया और (ऐ रसूल) जब तुमने तीर मारा तो कुछ तुमने नही मारा बल्कि ख़ुदा ख़ुदा ने तीर मारा और ताकि अपनी तरफ से मोमिनीन पर खूब एहसान करे बेशक ख़ुदा (सबकी) सुनता और (सब कुछ) जानता है
'In Tastaftiĥū Faqad Jā'akumu Al-Fatĥu ۖ Wa 'In Tantahū Fahuwa Khayrun Lakum ۖ Wa 'In Ta`ūdū Na`ud Wa Lan Tughniya `Ankum Fi'atukumShay'āan Wa Law Kathurat Wa 'Anna Allāha Ma`a Al-Mu'uminīna
008-019 (काफ़िर) अगर तुम ये चाहते हो (कि जो हक़ पर हो उसकी) फ़तेह हो (मुसलमानों की) फ़तेह भी तुम्हारे सामने आ मौजूद हुई अब क्या गुरूर बाक़ी है और अगर तुम (अब भी मुख़तलिफ़ इस्लाम) से बाज़ रहो तो तुम्हारे वास्ते बेहतर है और अगर कहीं तुम पलट पड़े तो (याद रहे) हम भी पलट पड़ेगें (और तुम्हें तबाह कर छोड़ देगें) और तुम्हारी जमाअत अगरचे बहुत ज्यादा भी हो हरगिज़ कुछ काम न आएगी और ख़ुदा तो यक़ीनी मामिनीन के साथ है
Wa Law `Alima Allāhu FīhimKhayrāan La'asma`ahum ۖ Wa Law 'Asma`ahum Latawallaw Wa Hum Mu`riđūna
008-023 और अगर ख़ुदा उनमें नेकी (की बू भी) देखता तो ज़रूर उनमें सुनने की क़ाबलियत अता करता मगर ये ऐसे हैं कि अगर उनमें सुनने की क़ाबिलयत भी देता तो मुँह फेर कर भागते।
Yā 'Ayyuhā Al-Ladhīna 'Āmanū Astajībū Lillāh Wa Lilrrasūli 'Idhā Da`ākum Limā Yuĥyīkum ۖ Wa A`lamū 'Anna Allāha Yaĥūlu Bayna Al-Mar'i Wa Qalbihi Wa 'Annahu~ 'Ilayhi Tuĥsharūna
008-024 ऐ ईमानदार जब तुम को हमारा रसूल (मोहम्मद) ऐसे काम के लिए बुलाए जो तुम्हारी रूहानी ज़िन्दगी का बाइस हो तो तुम ख़ुदा और रसूल के हुक्म दिल से कुबूल कर लो और जान लो कि ख़ुदा वह क़ादिर मुतलिक़ है कि आदमी और उसके दिल (इरादे) के दरमियान इस तरह आ जाता है और ये भी समझ लो कि तुम सबके सब उसके सामने हाज़िर किये जाओगे
Wa Attaqū Fitnatan Lā Tuşībanna Al-Ladhīna Žalamū MinkumKhāşşatan ۖ Wa A`lamū 'Anna Allāha Shadīdu Al-`Iqābi
008-025 और उस फितने से डरते रहो जो ख़ास उन्हीं लोगों पर नही पड़ेगा जिन्होने तुम में से ज़ुल्म किया (बल्कि तुम सबके सब उसमें पड़ जाओगे) और यक़ीन मानों कि ख़ुदा बड़ा सख्त अज़ाब करने वाला है
Wa Adhkurū 'Idh 'AntumQalīlun Mustađ`afūna Fī Al-'Arđi Takhāfūna 'An Yatakhaţţafakumu An-Nāsu Fa'āwākum Wa 'Ayyadakum Binaşrihi Wa Razaqakum Mina Aţ-Ţayyibāti La`allakum Tashkurūna
008-026 (मुसलमानों वह वक्त याद करो) जब तुम सर ज़मीन (मक्के) में बहुत कम और बिल्कुल बेबस थे उससे सहमे जाते थे कि कहीं लोग तुमको उचक न ले जाए तो ख़ुदा ने तुमको (मदीने में) पनाह दी और ख़ास अपनी मदद से तुम्हारी ताईद की और तुम्हे पाक व पाकीज़ा चीज़े खाने को दी ताकि तुम शुक्र गुज़ारी करो
Yā 'Ayyuhā Al-Ladhīna 'Āmanū 'In Tattaqū Allaha Yaj`al Lakum Furqānāan Wa Yukaffir `Ankum Sayyi'ātikum Wa Yaghfir Lakum Wa ۗ Allāhu Dhū Al-Fađli Al-`Ažīmi
008-029 और यक़ीनन ख़ुदा के हॉ बड़ी मज़दूरी है ऐ ईमानदारों अगर तुम ख़ुदा से डरते रहोगे तो वह तुम्हारे वास्ते इम्तियाज़ पैदा करे देगा और तुम्हारी तरफ से तुम्हारे गुनाह का कफ्फ़ारा क़रार देगा और तुम्हें बख्श देगा और ख़ुदा बड़ा साहब फज़ल (व करम) है
Wa 'Idh Yamkuru Bika Al-Ladhīna Kafarū Liyuthbitūka 'Aw Yaqtulūka 'Aw Yukhrijūka ۚ Wa Yamkurūna Wa Yamkuru Allāhu Wa ۖ Allāhu Khayru Al-Mākirīna
008-030 और (ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब कुफ्फ़ार तुम से फरेब कर रहे थे ताकि तुमको क़ैद कर लें या तुमको मार डाले तुम्हें (घर से) निकाल बाहर करे वह तो ये तदबीर (चालाकी) कर रहे थे और ख़ुदा भी (उनके ख़िलाफ) तदबीरकर रहा था
Wa 'Idhā Tutlá `Alayhim 'Āyātunā Qālū Qad Sami`nā Law Nashā'u Laqulnā Mithla Hādhā ۙ 'In Hādhā 'Illā 'Asāţīru Al-'Awwalīna
008-031 और ख़ुदा तो सब तदबीरकरने वालों से बेहतर है और जब उनके सामने हमारी आयते पढ़ी जाती हैं तो बोल उठते हैं कि हमने सुना तो लेकिन अगर हम चाहें तो यक़ीनन ऐसा ही (क़रार) हम भी कह सकते हैं-तो बस अगलों के क़िस्से है
Wa 'IdhQālū Allahumma 'In Kāna Hādhā Huwa Al-Ĥaqqa Min `Indika Fa'amţir `Alaynā Ĥijāratan Mina As-Samā'i 'Aw A'tinā Bi`adhābin 'Alīmin
008-032 और (ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब उन काफिरों ने दुआएँ माँगीं थी कि ख़ुदा (वन्द) अगर ये (दीन इस्लाम) हक़ है और तेरे पास से (आया है) तो हम पर आसमान से पत्थर बरसा या हम पर कोई और दर्दनाक अज़ाब ही नाज़िल फरमा
Wa Mā Kāna Allāhu Liyu`adhdhibahum Wa 'Anta Fīhim ۚ Wa Mā Kāna Allāhu Mu`adhdhibahum Wa Hum Yastaghfirūna
008-033 हालॉकि जब तक तुम उनके दरमियान मौजूद हो ख़ुदा उन पर अज़ाब नहीं करेगा और अल्लाह ऐसा भी नही कि लोग तो उससे अपने गुनाहो की माफी माँग रहे हैं और ख़ुदा उन पर नाज़िल फरमाए
Wa Mā Lahum 'Allā Yu`adhdhibahumu Allāhu Wa Hum Yaşuddūna `Ani Al-Masjidi Al-Ĥarāmi Wa Mā Kānū 'Awliyā'ahu~ ۚ 'In 'Awliyā'uuhu~ 'Illā Al-Muttaqūna Wa Lakinna 'Aktharahum Lā Ya`lamūna
008-034 और जब ये लोग लोगों को मस्जिदुल हराम (ख़ान ए काबा की इबादत) से रोकते है तो फिर उनके लिए कौन सी बात बाक़ी है कि उन पर अज़ाब न नाज़िल करे और ये लोग तो ख़ानाए काबा के मुतवल्ली भी नहीं (फिर क्यों रोकते है) इसके मुतवल्ली तो सिर्फ परहेज़गार लोग हैं मगर इन काफ़िरों में से बहुतेरे नहीं जानते
Wa Mā Kāna Şalātuhum `Inda Al-Bayti 'Illā Mukā'an Wa Taşdiyatan ۚ Fadhūqū Al-`Adhāba Bimā Kuntum Takfurūna
008-035 और ख़ानाए काबे के पास सीटियॉ तालिया बजाने के सिवा उनकी नमाज ही क्या थी तो (ऐ काफिरों) जब तुम कुफ्र किया करते थे उसकी सज़ा में (पड़े) अज़ाब के मज़े चखो
008-036 इसमें शक़ नहीं कि ये कुफ्फार अपने माल महज़ इस वास्ते खर्च करेगें फिर उसके बाद उनकी हसरत का बाइस होगा फिर आख़िर ये लोग हार जाएँगें और जिन लोगों ने कुफ्र एख्तियार किया (क़यामत में) सब के सब जहन्नुम की तरफ हाके जाएँगें
Qul Lilladhīna Kafarū 'In Yantahū Yughfar Lahum Mā Qad Salafa Wa 'In Ya`ūdū Faqad Mađat Sunnatu Al-'Awwalīna
008-038 (ऐ रसूल) तुम काफिरों से कह दो कि अगर वह लोग (अब भी अपनी शरारत से) बाज़ रहें तो उनके पिछले कुसूर माफ कर दिए जाएं और अगर फिर कहीं पलटें तो यक़ीनन अगलों के तरीक़े गुज़र चुके जो, उनकी सज़ा हुई वही इनकी भी होगी
Wa Qātilūhum Ĥattá Lā Takūna Fitnatun Wa Yakūna Ad-Dīnu Kulluhu Lillāh ۚ Fa'ini Antahaw Fa'inna Allāha Bimā Ya`malūna Başīrun
008-039 मुसलमानों काफ़िरों से लड़े जाओ यहाँ तक कि कोई फसाद (बाक़ी) न रहे और (बिल्कुल सारी ख़ुदाई में) ख़ुदा की दीन ही दीन हो जाए फिर अगर ये लोग (फ़साद से) न बाज़ आएं तो ख़ुदा उनकी कारवाइयों को ख़ूब देखता है
Wa A`lamū 'Annamā Ghanimtum MinShay'in Fa'anna Lillāh Khumusahu Wa Lilrrasūli Wa Lidhī Al-Qurbá Wa Al-Yatāmá Wa Al-Masākīni Wa Abni As-Sabīli 'In Kuntum 'Āmantum Billāhi Wa Mā 'Anzalnā `Alá `Abdinā Yawma Al-Furqāni Yawma At-Taqá Al-Jam`āni Wa ۗ Allāhu `Alá Kulli Shay'inQadīrun
008-041 और जान लो कि जो कुछ तुम (माल लड़कर) लूटो तो उनमें का पॉचवॉ हिस्सा मख़सूस ख़ुदा और रसूल और (रसूल के) क़राबतदारों और यतीमों और मिस्कीनों और परदेसियों का है अगर तुम ख़ुदा पर और उस (ग़ैबी इमदाद) पर ईमान ला चुके हो जो हमने ख़ास बन्दे (मोहम्मद) पर फ़ैसले के दिन (जंग बदर में) नाज़िल की थी जिस दिन (मुसलमानों और काफिरों की) दो जमाअतें बाहम गुथ गयी थी और ख़ुदा तो हर चीज़ पर क़ादिर है
'Idh 'Antum Bil-`Udwati Ad-Dunyā Wa Hum Bil-`Udwati Al-Quşwá Wa Ar-Rakbu 'Asfala Minkum ۚ Wa Law Tawā`adttum Lākhtalaftum Fī Al-Mī`ādi ۙ Wa Lakin Liyaqđiya Allāhu 'Amrāan Kāna Maf`ūlāan Liyahlika Man Halaka `An Bayyinatin Wa Yaĥyá Man Ĥayya `An Bayyinatin ۗ Wa 'Inna Allāha Lasamī`un `Alīmun
008-042 (ये वह वक्त था) जब तुम (मैदाने जंग में मदीने के) क़रीब नाके पर थे और वह कुफ्फ़ार बईद (दूर के) के नाके पर और (काफ़िले के) सवार तुम से नशेब में थे और अगर तुम एक दूसरे से (वक्त क़ी तक़रीर का) वायदा कर लेते हो तो और वक्त पर गड़बड़ कर देते मगर (ख़ुदा ने अचानक तुम लोगों को इकट्ठा कर दिया ताकि जो बात यदनी (होनी) थी वह पूरी कर दिखाए ताकि जो शख़्स हलाक (गुमराह) हो वह (हक़ की) हुज्जत तमाम होने के बाद हलाक हो और जो ज़िन्दा रहे वह हिदायत की हुज्जत तमाम होने के बाद ज़िन्दा रहे और ख़ुदा यक़ीनी सुनने वाला ख़बरदार है
'Idh Yurīkahumu Allāhu Fī Manāmika Qalīlāan ۖ Wa Law 'Arākahum Kathīrāan Lafashiltum Wa Latanāza`tum Fī Al-'Amri Wa Lakinna Allāha Sallama ۗ 'Innahu `Alīmun Bidhāti Aş-Şudūri
008-043 (ये वह वक्त था) जब ख़ुदा ने तुम्हें ख्वाब में कुफ्फ़ार को कम करके दिखलाया था और अगर उनको तुम्हें ज्यादा करते दिखलाता तुम यक़ीनन हिम्मत हार देते और लड़ाई के बारे में झगड़ने लगते मगर ख़ुदा ने इसे (बदनामी) से बचाया इसमें तो शक़ ही नहीं कि वह दिली ख्यालात से वाक़िफ़ है
Wa 'Idh Yurīkumūhum 'Idhi At-Taqaytum Fī 'A`yunikumQalīlāan Wa Yuqallilukum Fī 'A`yunihim Liyaqđiya Allāhu 'Amrāan Kāna Maf`ūlāan ۗ Wa 'Ilá Allāhi Turja`u Al-'Umūru
008-044 (ये वह वक्त था) जब तुम लोगों ने मुठभेड़ की तो ख़ुदा ने तुम्हारी ऑखों में कुफ्फ़ार को बहुत कम करके दिखलाया और उनकी ऑखों में तुमको थोड़ा कर दिया ताकि ख़ुदा को जो कुछ करना मंज़ूर था वह पूरा हो जाए और कुल बातों का दारोमदार तो ख़ुदा ही पर है
Wa 'Aţī`ū Allaha Wa Rasūlahu Wa Lā Tanāza`ū Fatafshalū Wa Tadh/haba Rīĥukum ۖ Wa Aşbirū ۚ 'Inna Allāha Ma`a Aş-Şābirīna
008-046 और ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो वरना तुम हिम्मत हारोगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी और (जंग की तकलीफ़ को) झेल जाओ (क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन सब्र करने वालों का साथी है
Wa Lā Takūnū Kālladhīna Kharajū Min Diyārihim Baţarāan Wa Ri'ā'a An-Nāsi Wa Yaşuddūna `An Sabīli Allāhi Wa ۚ Allāhu Bimā Ya`malūna Muĥīţun
008-047 और उन लोगों के ऐसे न हो जाओ जो इतराते हुए और लोगों के दिखलाने के वास्ते अपने घरों से निकल खड़े हुए और लोगों को ख़ुदा की राह से रोकते हैं और जो कुछ भी वह लोग करते हैं ख़ुदा उस पर (हर तरह से) अहाता किए हुए है
Wa 'Idh Zayyana Lahumu Ash-Shayţānu 'A`mālahum Wa Qāla Lā Ghāliba Lakumu Al-Yawma Mina An-Nāsi Wa 'Innī Jārun Lakum ۖ Falammā Tarā'ati Al-Fi'atāni Nakaşa `Alá `Aqibayhi Wa Qāla 'Innī Barī'un Minkum 'Innī 'Ará Mā Lā Tarawna 'Inniyi 'Akhāfu Allāha Wa ۚ Allāhu Shadīdu Al-`Iqābi
008-048 और जब शैतान ने उनकी कारस्तानियों को उम्दा कर दिखाया और उनके कान में फूंक दिया कि लोगों में आज कोई ऐसा नहीं जो तुम पर ग़ालिब आ सके और मै तुम्हारा मददगार हूं फिर जब दोनों लश्कर मुकाबिल हुए तो अपने उलटे पॉव भाग निकला और कहने लगा कि मै तो तुम से अलग हूं मै वह चीजें देख रहा हूं जो तुम्हें नहीं सूझती मैं तो ख़ुदा से डरता हूं और ख़ुदा बहुत सख्त अज़ाब वाला है
'Idh Yaqūlu Al-Munāfiqūna Wa Al-Ladhīna Fī Qulūbihim Marađun Gharra Hā'uulā' Dīnuhum ۗ Wa Man Yatawakkal `Alá Allāhi Fa'inna Allāha `Azīzun Ĥakīmun
008-049 (ये वक्त था) जब मुनाफिक़ीन और जिन लोगों के दिल में (कुफ्र का) मर्ज़ है कह रहे थे कि उन मुसलमानों को उनके दीन ने धोके में डाल रखा है (कि इतराते फिरते हैं हालॉकि जो शख़्स ख़ुदा पर भरोसा करता है (वह ग़ालिब रहता है क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन ग़ालिब और हिकमत वाला है
Wa Law Tará 'Idh Yatawaffá Al-Ladhīna Kafarū ۙ Al-Malā'ikatu Yađribūna Wujūhahum Wa 'Adbārahum Wa Dhūqū `Adhāba Al-Ĥarīqi
008-050 और काश (ऐ रसूल) तुम देखते जब फ़रिश्ते काफ़िरों की जान निकाल लेते थे और रूख़ और पुश्त (पीठ) पर कोड़े मारते थे और (कहते थे कि) अज़ाब जहन्नुम के मज़े चखों
008-052 (उन लोगों की हालत) क़ौमे फिरऔन और उनके लोगों की सी है जो उन से पहले थे और ख़ुदा की आयतों से इन्कार करते थे तो ख़ुदा ने भी उनके गुनाहों की वजह से उन्हें ले डाला बेशक ख़ुदा ज़बरदस्त और बहुत सख्त अज़ाब देने वाला है
008-053 ये सज़ा इस वजह से (दी गई) कि जब कोई नेअमत ख़ुदा किसी क़ौम को देता है तो जब तक कि वह लोग ख़ुद अपनी कलबी हालत (न) बदलें ख़ुदा भी उसे नहीं बदलेगा और ख़ुदा तो यक़ीनी (सब की सुनता) और सब कुछ जानता है
Kada'bi 'Āli Fir`awna Wa ۙ Al-Ladhīna MinQablihim ۚ Kadhdhabū Bi'āyāti Rabbihim Fa'ahlaknāhum Bidhunūbihim Wa 'Aghraqnā 'Āla Fir`awna ۚ Wa Kullun Kānū Žālimīna
008-054 (उन लोगों की हालत) क़ौम फिरऔन और उन लोगों की सी है जो उनसे पहले थे और अपने परवरदिगार की आयतों को झुठलाते थे तो हमने भी उनके गुनाहों की वजह से उनको हलाक़ कर डाला और फिरऔन की क़ौम को डुबा मारा और (ये) सब के सब ज़ालिम थे
Fa'immā Tathqafannahum Fī Al-Ĥarbi Fasharrid Bihim Man Khalfahum La`allahum Yadhdhakkarūna
008-057 तो अगर वह लड़ाई में तुम्हारे हाथे चढ़ जाएँ तो (ऐसी सख्त गोश्माली दो कि) उनके साथ साथ उन लोगों का तो अगर वह लड़ाई में तुम्हारे हत्थे चढ़ जाएं तो (ऐसी सजा दो की) उनके साथ उन लोगों को भी तितिर बितिर कर दो जो उन के पुश्त पर हो ताकि ये इबरत हासिल करें
008-058 और अगर तुम्हें किसी क़ौम की ख्यानत (एहद शिकनी(वादा ख़िलाफी)) का ख़ौफ हो तो तुम भी बराबर उनका एहद उन्हीं की तरफ से फेंक मारो (एहदो शिकन के साथ एहद शिकनी करो ख़ुदा हरगिज़ दग़ाबाजों को दोस्त नहीं रखता
Wa 'A`iddū Lahum Mā Astaţa`tum MinQūwatin Wa MinRibāţi Al-Khayli Turhibūna Bihi `Adūwa Allāhi Wa `Adūwakum Wa 'Ākharīna Min Dūnihim Lā Ta`lamūnahumu Allāhu Ya`lamuhum ۚ Wa Mā Tunfiqū MinShay'in Fī Sabīli Allāhi Yuwaffa 'Ilaykum Wa 'Antum Lā Tužlamūna
008-060 और (मुसलमानों तुम कुफ्फार के मुकाबले के) वास्ते जहाँ तक तुमसे हो सके (अपने बाज़ू के) ज़ोर से और बॅधे हुए घोड़े से लड़ाई का सामान मुहय्या करो इससे ख़ुदा के दुश्मन और अपने दुश्मन और उसके सिवा दूसरे लोगों पर भी अपनी धाक बढ़ा लेगें जिन्हें तुम नहीं जानते हो मगर ख़ुदा तो उनको जानता है और ख़ुदा की राह में तुम जो कुछ भी ख़र्च करोगें वह तुम पूरा पूरा भर पाओगें और तुम पर किसी तरह ज़ुल्म नहीं किया जाएगा
Wa 'In Yurīdū 'An Yakhda`ūka Fa'inna Ĥasbaka Allāhu ۚ Huwa Al-Ladhī 'Ayyadaka Binaşrihi Wa Bil-Mu'uminīna
008-062 और अगर वह लोग तुम्हें फरेब देना चाहे तो (कुछ परवा नहीं) ख़ुदा तुम्हारे वास्ते यक़ीनी काफी है-(ऐ रसूल) वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने अपनी ख़ास मदद और मोमिनीन से तुम्हारी ताईद की
Wa 'Allafa Bayna Qulūbihim ۚ Law 'Anfaqta Mā Fī Al-'Arđi Jamī`āan Mā 'Allafta Bayna Qulūbihim Wa Lakinna Al-L Allafa Baynahum ۚ 'Innahu `Azīzun Ĥakīmun
008-063 और उसी ने उन मुसलमानों के दिलों में बाहम ऐसी उलफ़त पैदा कर दी कि अगर तुम जो कुछ ज़मीन में है सब का सब खर्च कर डालते तो भी उनके दिलो में ऐसी उलफ़त पैदा न कर सकते मगर ख़ुदा ही था जिसने बाहम उलफत पैदा की बेशक वह ज़बरदस्त हिक़मत वाला है
008-065 ऐ रसूल तुम मोमिनीन को जिहाद के वास्ते आमादा करो (वह घबराए नहीं ख़ुदा उनसे वायदा करता है कि) अगर तुम लोगों में के साबित क़दम रहने वाले बीस भी होगें तो वह दो सौ (काफिरों) पर ग़ालिब आ जायेगे और अगर तुम लोगों में से साबित कदम रहने वालों सौ होगें तो हज़ार (काफिरों) पर ग़ालिब आ जाएँगें इस सबब से कि ये लोग ना समझ हैं
Al-'Āna Khaffafa Allāhu `Ankum Wa `Alima 'Anna FīkumĐa`fāan ۚ Fa'in Yakun Minkum Miā'atunŞābiratun Yaghlibū Miā'atayni ۚ Wa 'In Yakun Minkum 'Alfun Yaghlibū 'Alfayni Bi'idhni Allāhi Wa ۗ Allāhu Ma`a Aş-Şābirīna
008-066 अब ख़ुदा ने तुम से (अपने हुक्म की सख्ती में) तख्फ़ीफ (कमी) कर दी और देख लिया कि तुम में यक़ीनन कमज़ोरी है तो अगर तुम लोगों में से साबित क़दम रहने वाले सौ होगें तो दो सौ (काफ़िरों) पर ग़ालिब रहेंगें और अगर तुम लोगों में से (ऐसे) एक हज़ार होगें तो ख़ुदा के हुक्म से दो हज़ार (काफ़िरों) पर ग़ालिब रहेंगे और (जंग की तकलीफों को) झेल जाने वालों का ख़ुदा साथी है
008-067 कोई नबी जब कि रूए ज़मीन पर (काफिरों का) खून न बहाए उसके यहाँ कैदियों का रहना मुनासिब नहीं तुम लोग तो दुनिया के साज़ो सामान के ख्वाहॉ (चाहने वाले) हो औॅर ख़ुदा (तुम्हारे लिए) आख़िरत की (भलाई) का ख्वाहॉ है और ख़ुदा ज़बरदस्त हिकमत वाला है
Fakulū Mimmā Ghanimtum ĤalālāanŢayyibāan ۚ Wa Attaqū Allaha ۚ 'Inna Allāha GhafūrunRaĥīmun
008-069 उसकी सज़ा में तुम पर बड़ा अज़ाब नाज़िल होकर रहता तो (ख़ैर जो हुआ सो हुआ) अब तुमने जो माल ग़नीमत हासिल किया है उसे खाओ (और तुम्हारे लिए) हलाल तय्यब है और ख़ुदा से डरते रहो बेशक ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
Yā 'Ayyuhā An-Nabīyu Qul Liman Fī 'Aydīkum Mina Al-'Asrá 'In Ya`lami Allāhu Fī QulūbikumKhayrāan Yu'utikumKhayrāan Mimmā 'Ukhidha Minkum Wa Yaghfir Lakum Wa ۗ Allāhu GhafūrunRaĥīmun
008-070 ऐ रसूल जो कैदी तुम्हारे कब्जे में है उनसे कह दो कि अगर तुम्हारे दिलों में नेकी देखेगा तो जो (माल) तुम से छीन लिया गया है उससे कहीं बेहतर तुम्हें अता फरमाएगा और तुम्हें बख्श भी देगा और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
Wa 'In Yurīdū Khiyānataka FaqadKhānū Allaha MinQablu Fa'amkana Minhum Wa ۗ Allāhu `Alīmun Ĥakīmun
008-071 और अगर ये लोग तुमसे फरेब करना चाहते है तो ख़ुदा से पहले ही फरेब कर चुके हैं तो (उसकी सज़ा में) ख़ुदा ने उन पर तुम्हें क़ाबू दे दिया और ख़ुदा तो बड़ा वाक़िफकार हिकमत वाला है
'Inna Al-Ladhīna 'Āmanū Wa Hājarū Wa Jāhadū Bi'amwālihim Wa 'Anfusihim Fī Sabīli Allāhi Wa Al-Ladhīna 'Āwaw Wa Naşarū 'Ūlā'ika Ba`đuhum 'Awliyā'u Ba`đin Wa ۚ Al-Ladhīna 'Āmanū Wa Lam Yuhājarū Mā Lakum Min Walāyatihim MinShay'in Ĥattá Yuhājirū ۚ Wa 'Ini Astanşarūkum Fī Ad-Dīni Fa`alaykumu An-Naşru 'Illā `Alá Qawmin Baynakum Wa Baynahum Mīthāqun Wa ۗ Allāhu Bimā Ta`malūna Başīrun
008-072 जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और अपने अपने जान माल से ख़ुदा की राह में जिहाद किया और जिन लोगों ने (हिजरत करने वालों को जगह दी और हर (तरह) उनकी ख़बर गीरी (मदद) की यही लोग एक दूसरे के (बाहम) सरपरस्त दोस्त हैं और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत नहीं की तो तुम लोगों को उनकी सरपरस्ती से कुछ सरोकार नहीं-यहाँ तक कि वह हिजरत एख्तियार करें और (हॉ) मगर दीनी अम्र में तुम से मदद के ख्वाहॉ हो तो तुम पर (उनकी मदद करना लाज़िम व वाजिब है मगर उन लोगों के मुक़ाबले में (नहीं) जिनमें और तुममें बाहम (सुलह का) एहदो पैमान है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा (सबको) देख रहा है
Wa Al-Ladhīna Kafarū Ba`đuhum 'Awliyā'u Ba`đin ۚ 'Illā Taf`alūhu Takun Fitnatun Fī Al-'Arđi Wa Fasādun Kabīrun
008-073 और जो लोग काफ़िर हैं वह भी (बाहम) एक दूसरे के सरपरस्त हैं अगर तुम (इस तरह) वायदा न करोगे तो रूए ज़मीन पर फ़ितना (फ़साद) बरपा हो जाएगा और बड़ा फ़साद होगा
Wa Al-Ladhīna 'Āmanū Wa Hājarū Wa Jāhadū Fī Sabīli Allāhi Wa Al-Ladhīna 'Āwaw Wa Naşarū 'Ūlā'ika Humu Al-Mu'uminūna Ĥaqqāan ۚ Lahum Maghfiratun Wa Rizqun Karīmun
008-074 और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और ख़ुदा की राह में लड़े भिड़े और जिन लोगों ने (ऐसे नाज़ुक वक्त में मुहाजिरीन को जगह ही और उनकी हर तरह ख़बरगीरी (मदद) की यही लोग सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के वास्ते मग़फिरत और इज्ज़त व आबरु वाली रोज़ी है
Wa Al-Ladhīna 'Āmanū Min Ba`du Wa Hājarū Wa Jāhadū Ma`akum Fa'ūlā'ika Minkum ۚ Wa 'Ūlū Al-'Arĥāmi Ba`đuhum 'Awlá Biba`đin Fī Kitābi Allāhi ۗ 'Inna Allāha Bikulli Shay'in `Alīmun
008-075 और जिन लोगों ने (सुलह हुदैबिया के) बाद ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और तुम्हारे साथ मिलकर जिहाद किया वह लोग भी तुम्हीं में से हैं और साहबाने क़राबत ख़ुदा की किताब में बाहम एक दूसरे के (बनिस्बत औरों के) ज्यादा हक़दार हैं बेशक ख़ुदा हर चीज़ से ख़ूब वाक़िफ हैं